Wednesday, 6 December 2023

बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का 67वॉ परिनिर्वाण दिवस मनाया गया

 राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला में आज दिनांक 6 दिसंबर 2023 को बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का 67वॉ परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर श्रीमती प्रमोद कुमारी द्वारा अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलित किया गया। प्राध्यापकगण तथा छात्राओं द्वारा भी अंबेडकर जी को पुष्पांजलि द्वारा श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए विचार गोष्ठी के अंतर्गत साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद द्वारा एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें डॉक्टर पंकज चौधरी (सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान) द्वारा अंबेडकर जी के अमूल्य योगदान के विषय में छात्राओं को बताया गया। उन्होंने बताया कि अंबेडकर जी अंबेडकर जी का राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में विशिष्ट योगदान है भारतीय समाज का एक बड़ा भाग सामाजिक एवं आर्थिक रूप से तिरस्कृत था एवं उन्होंने उन्हीं लोगों की कठिनाइयों को समझते हुए उनके उत्थान के लिए कार्य किया। वह एक बड़े शिक्षाविद् थे जिन्होंने बहुत सी पुस्तक लिखी।वह दलित एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए लोगों में चेतना लेकर आए। अंबेडकर जी की अध्यक्षता में बनाए गए भारतीय संविधान में सर्वप्रथम सभी प्रकार की समानता का अधिकार देश के सभी वर्गों को साथ रख उनके सशक्तिकरण एवं राष्ट्र निर्माण मैं सहायक है।

उनके उपरांत महाविद्यालय की प्राचार्या महोदया ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में बताया कि प्रत्येक वर्ष हम अंबेडकर जी का परिनिर्वाण दिवस मनाते हैं परंतु अमृत महोत्सव के साथ-साथ इस बार हम अंबेडकर जी का महापरिनिर्वाण दिवस मना रहे हैं। सर्वप्रथम अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पिछड़े वर्ग, दलितों एवं आधी आबादी महिलाओं के लिए अंबेडकर जी ने अनेक कार्य किये। उनके प्रयासों के फलस्वरुप भारतीय महिलाओं को ब्रिटेन से भी पहले वोट का अधिकार मिला। उन्होंने सभी को शिक्षा के मार्ग को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं कहा की किसी भी समाज की उन्नति का आकलन हम उस समाज की महिलाओं की शिक्षा के स्तर से कर सकते हैं। अंबेडकर जी के प्रयासों से ही लोकतांत्रिक व्यवस्था में भारत में सभी समुदायों के प्रतिनिधि चुने जाते हैं तथा सभी की राय से ही कानून पारित किए जाते हैं। अंबेडकर जी को दलितों का मसीहा उनके उत्थान हेतु किए गए अनेक कार्यों के कारण कहा जाता है। साथ ही प्राचार्य महोदया ने अपने संबोधन में अंबेडकर जी द्वारा उनके बाल्यकल एवं युवावस्था में दलित होने के कारण झेले गए कटु अनुभवो के विषय में भी बताया।उन्होंने कहा कि अंबेडकर जी ने प्रत्येक इंसान को इंसान के रूप में ही स्वीकार करने तथा सभी तरह के भेदभाव से दूर रहने के साथ सभी को शिक्षित, संगठित एवं संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए प्रोत्साहित किया है।

 आज अंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें डॉक्टर अंबेडकर का दर्शन:सामाजिक न्याय की प्रतिस्थापना विषय पर छात्राओं द्वारा पोस्टर बनाए गए। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा शोभा, द्वितीय स्थान पर बीए तृतीय वर्ष की छात्रा आकृति जावला तथा तृतीय स्थान पर बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा हिना रही। कार्यक्रम का संचालन डॉ दीप्ति चौधरी द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में डॉ विशाल कुमार डॉ सीमा सिंह डॉ रामायण राम आदि भी उपस्थित रहे।