Monday, 2 October 2023

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती

 राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला  शामली  में आज दिनांक 02 अक्टूबर 2023 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी जी ने महाविद्यालय प्रांगण में  राष्ट्रध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को सलामी दी व राष्ट्रगान का गायन किया। तत्पश्चात प्राचार्या प्रो. (श्रीमती) प्रमोद कुमारी  द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर पुष्पांजलि अर्पित किया गया। समस्त प्राध्यापकों ने भी पुष्प अर्पित कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व स्व लाल बहादुर शास्त्री जी को श्र्द्दांजलि अर्पित की। 


       इसके पश्चात विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रारंभ सर्वधर्म प्रार्थना से किया गया जिसमें छात्राओं द्वारा क्रमशः भगवत गीता, कुरान सारीख ,बाइबल तथा  गुरुग्रन्थ साहिब का पाठ किया गया।  छात्रा तबस्सुम, आयशा व मुस्कान ने गीत व भाषण द्वारा  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन एवं उनके योगदान से परिचित कराया।  

डॉ ब्रिजेश राठी व डॉ रामायण राम ने संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त करते हुए महात्मा गांधी व स्वo लाल बहादुर शास्त्री जी के जीवन व भारतीय राष्ट्र मे उनके योगदान के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि  महात्मा गांधी ने अपने अहिंसा व सविनय अवज्ञा का प्रयोग दक्षिण अफ्रीका मे प्रारम्भ कर दिया था। अंग्रेजी नस्लवाद के खिलाफ उन्होंने अपना आंदोलन चलाया। 1915 में भारत आकर उन्होंने उन्ही प्रयोगों को राष्ट्रीय आंदोलन मे आजमाया।उन्होंने राजनैतिक ,सामाजिक व व्यकिगत स्तर आंदोलन चलाया।छुआ छूत, साम्प्रदायिक वैमनस्य के खिलाफ उन्होने आजीवन संघर्ष किया। भारत की आज़ादी की लड़ाई मे उन्होंने भारतीय जनता का कुशल नेतृत्व किया। संगोष्ठी के समापन में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्या प्रो(श्रीमती) प्रमोद कुमारी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी को बधाई देते हुए राष्टपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन संघर्षों से अवगत कराया।   उन्होंने बताया कि जनवरी 2004 में ईरानी नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रस्ताव रखा की  2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाना चाहिए।  उन्होंने अपने वक्तव्य में बताया की महात्मा गांधी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।  महात्मा गांधी ने अपने जीवनकाल में प्रथम व द्वितीय विश्वयुद्ध की त्रासदी झेल चुकी दुनिया ने हिंसा और युद्ध की विभीषिका का दुष्परिणाम देखा था। ऐसे में गांधी जी ने पूरे विश्व को शांति व सौहार्द्र का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि गांधी जी जो कहते थे उसे अपने जीवन में व्यवहृत करते थे। अहिंसा के सिद्धांत के आधार पर ब्रिटिश साम्राज्य से लड़ना यह एक बहुत बड़े आत्मबल का कार्य था जो गांधी जी ने किया।  गांधी जी ने सदैव जीवन की सरलता व स्वयं के श्रम को महत्व दिया। अपने राजनीतिक गुरू गोपाल कृष्ण गोखले के आज्ञा अनुसार पूरे भारत का भ्रमण करते हुए आजादी की लड़ाई की शुरुआत की। भारत वर्ष का भ्रमण करते समय उन्होंने भारतीय जनता की गरीबी को महसूस किया और स्वयं आजीवन धोती को अपना वस्त्र अपनाया। प्राचार्या जी ने जोर दे कर कहा कि " महात्मा गांधी में भारत की आत्मा निवास करती थी।"  प्राचार्या ने आगे कहा कि गांधी जी स्वच्छता व मितव्ययिता को स्वयं अपनाते थे व लोगों को भी प्रेरित करते थे। उन्होंने बताया की स्वच्छता को अपने जीवन मे अपनाना चाहिए। गांधीवादी विचारधारा को अपनाकर हम अपनी सभी समस्याओं को सुलझा सकते हैं।

प्राचार्या जी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन सादगी को बताते हुए कहा कि शास्त्री जी(प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए) की पत्नी स्वयं अपना भोजन बनाती थी। 1965 के युद्ध में उनके तत्कालीन दृढ़ निर्णय याद किया।  ताशकन्द समझौते के दौरान उनकी रहस्यात्मक मृत्यु हो गई। शास्त्री जी केवल डेढ़ वर्ष के लिए प्रधानमंत्री रहें, लेकिन उन्होंने देश के लिए अपना सर्वोत्तम योगदान दिया। अंत में  प्राचार्या जी ने कहा कि इन दोनों महापुरुषों के जीवन सिद्धातों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। संगोष्ठी का समापन"वैष्णव जन को" तथा  रामधुन "रघुपति राघव राजा राम पतितपावन सीताराम" के साथ हुआ।

अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अंतर्गत 'दैनिक जीवन में अहिंसा' विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें कुo साहिबा बीएससी तृतीय वर्ष ने प्रथम स्थान,  कुo साजिया जंग बीए तृतीय वर्ष ने द्वितीय स्थान तथा तुम्हारी उमरा बीए तृतीय वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम के अंत में कार्यक्रम के अंत में गांधी जी विचारों से प्रेरित होते हुए प्राचार्या, शिक्षकों एवं छात्राओं द्वारा महाविद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाकर श्रमदान किया गया।

डॉ. दीप्ति चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया और समस्त  प्राध्यापक  व राष्ट्रीय सेवा योजना व रेंजर्स की  छात्राएं उपस्थित रहीं।