आज दिनांक 23 मार्च 2023 को राष्ट्रीय सेवा योजना के पंचम दिवस का शुभारंभ स्वयं सेविकाओं द्वारा की वंदना राष्ट्रीय सेवा योजना लक्ष्य गीत गायन व शारीरिक व्यायाम के साथ किया गया शिविर में प्रतिभागी स्वयं सेविकाओं ने शिविर स्थल पर स्वच्छता के लिए श्रमदान किया तथा एक पत्थर हटाकर क्यारियां तैयार कर पौधा रोपण किया और पौधों में पानी दिया इसके उपरांत छात्राओं ने बस्ती में जाकर स्वच्छता जागरूकता हेतु बस्ती की गलियों ,सड़कों व नालियों की सफाई की । इसके पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी जी के संरक्षण में स्वयं सेविकाओं की टोलियां बनाकर मलिन बस्ती में "नॉन स्टूडेंट युवाओं" का सर्वेक्षण किया गया। भोजन अवकाश के पश्चात कार्यक्रम अधिकारी डॉ लक्ष्मी गौतम ने अपने व्याख्यान में छात्राओं को "मोटे अनाजों के महत्व एवं उपयोगिता" के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया मोटे अनाज पोषण से भरा खजाना है जिसे "श्री अन्न" के नाम से भी जानते हैं भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष (इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स) के रूप में घोषित किया गया है।मोटे अनाज स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है भारत में बाजरा, ज्वार, सवा, कुटकी, कोदो, रागी, कंगनी, चीना, कुट्टू एवं चौलाई प्रमुख रूप से, मेजर एवं माइनर मोटे अनाज पैदा किए जाते हैं। मोटे अनाजों को प्रतिदिन अपने आहार में शामिल करने से खनिज लवणों जैसे लोहा कैल्शियम आदि की कमी को पूरा किया जा सकता है। शिविर का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।