आज दिनांक 6-12-2021 को महाविद्यालय में बाबा साहब डा. भीम राव आंबेडकर जी के परिनिर्वाण दिवस का आयोजन किया गया। सर्व प्रथम महाविधालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने बाबा साहब डा. आंबेडकर के चित्र के समक्ष मोमबत्ती जला कर पुष्पांजलि अर्पित किया। समस्त उपस्थित प्राध्यापकों ने पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इस अवसर पर डा पंकज चौधरी ने बाबा साहब के जीवन व राजनैतिक सामाजिक योगदान पर अपने विचार रखे। डा रामायन राम ने बाबा साहब आंबेडकर की आत्म कथा और उनकी पुस्तकों के बारे में बताया।
अध्यक्षता कर रहीं प्राचार्या प्रो प्रमोद कुमारी ने कहा कि एक निम्न जाति मे पैदा होने के वावजूद डा आंबेडकर विश्व के सबसे अधिक विद्वान व्यक्तियों मे शुमार हैं। उन्होंने संविधान के द्वारा भारत के वंचित समुदायों, महिलाओं और दलितों को सामाजिक आर्थिक ऱ्याय के प्रदान किया। उन्होंने कहा कि डा. आंबेडकर ने आजीवन जाति व्यवस्था के खिलाफ से संघर्ष किया। अपने संघर्षों को उन्होंने संविधान मे मूर्त रूप दिया। बाबा साहब द्वारा प्रारूप समिति के सदस्य के रूप आकार दिये गए संविधान के द्वारा सामाजिक आर्थिक ऱ्याय की गारंटी की गई। जिसके फल स्वरूप आज वंचित समुदाय व महिलाए भी उच्च पदों पर आसीन हैं। आज यह कहा जा सकता है कि जाति प्रथा काफी हद तक समाप्त हो चुकी है। इसका बहुत अधिक श्रेय डा. आंबेडकर के साथ स्वामी विवेकानंद, दयानंद सरस्वती महात्मा ज्योति बा फुले व महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों को जाता है, देश उनका ऋणि है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि सभी डा. आंबेडकर के जीवन के विषय में पढ़ना चाहिए। संचालन समारोहक डा. रामायन राम ने किया।
इस अवसर पर महाविधालय के समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।