Friday, 26 November 2021

कौमी एकता सप्ताह में विशेष व्याख्यान

 प्रकाशनार्थ

 राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला , शामली में आज दिनांक 18-11-2021 को भौतिक विज्ञान विभाग द्वारा आई आई टी दिल्ली के सेवा निवृत्त प्रोफेसर प्रो. वी के त्रिपाठी का प्रसार व्याख्यान आयोजित किया गया। आज पूर्वाह्न 11 बजे आयोजित इस व्या्ख्यान से पूर्व महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने पुष्प गुच्छ देकर प्रो वी के त्रिपाठी का स्वागत किया। भौतिक विज्ञान विभाग के प्रभारी डा. विशाल कुमार ने उनका परिचय दिया तथा भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित किया। 

         प्रो वी के त्रिपाठी ने अपने अपने व्या्ख्यान में 'गति के सिद्धांत', 'न्यूटन के नियम' तथा गुरुत्वाकर्षण के विषय में बहुत ही सहज व रोचक तरीके से बताया। उन्होंने विज्ञान की शिक्षा में व्यक्तिगत अनुभव को जरूरी बताया और न्यूटन के जीवन की घटनाओं के माध्यम से बताया कि प्रेक्षण व प्रयोग को अपने अनुभव से जोड़ कर ही वैज्ञानिक सोच व रुचि पैदा हो सकती है। उन्होंने गति के सिद्धांत के कठिन सूत्रों को बहुत ही सरलता से बताया और छात्राओं को विज्ञान शिक्षा को रुचि के साथ पढ़ने का सुझाव दिया। उनके व्या्ख्यान को छात्राओं ने बहुत ध्यान पूर्वक सुना। 

        प्रसार व्याख्यान के उपरांत 'कौमी एकता सप्ताह' के अंतर्गत आज 'कौमी एकता की अवधारणा ' विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी मे मुख्य वक्ता के रूप में प्रो वी के त्रिपाठी जी ने अपने विचार व्यक्त किये। आई आई टी से सेवानिवृत्त होने के बाद प्रो त्रिपाठी पूरे देश में सद्भाव व एकता के लिए जागरुकता फैलाने का कार्य करते हैं। इसी क्रम मे आज उन्होंने महाविद्यालय मे कौमी एकता सप्ताह के प्रारंभ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता की बुनियादी शर्त है देश वासियों के बीच आपसी प्रेम। अहंकार व ईर्ष्या के कारण प्रेम समाप्त होता है, और इसी कारण एकता विघटित होती है। उन्होंने कहा कि हमे सभी मनुष्यों से प्रेम करना चाहिए चाहे वह किसी भी जाति का हो या धर्म का हो। जाति धर्म की पहचान वास्तविक पहचान नहीं है। वह मनुष्यों द्वारा बनाई गई है वास्तविक पहचान मनुष्यता की है। उन्होंने कहा कि धर्म या जाति के नाम पर नफरत करने से पहले यह ध्यान रखना चाहिए कि तीन सौ साल तक हम भारतीयों  ने मिल कर अग्रेंजी शासन की गुलामी झेली है। अंग्रेजों की नीतियों के कारण करोड़ों भारतियों ने जान गंवाई है इसलिए आपस मे नफरत में करना व्यर्थ है। 

       अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने किया। उन्होेंने कहा कि भारत की एकता अखंडता के लिए आवश्यक है कि सभी लोग आपस मे मिल कर रहें व एक दूसरे की संस्कृति का सम्मान करें। सद्भावना सबसे जरूरी विचार है। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष कौमी एकता सप्ताह 19 से 25 नवंबर तक मनाया जाता है ताकि भारत के लोग आपसी एकता व सद्भावना को बनाये रखें। भाषा, संस्कृति, लिंग व धर्म इत्यादि के नाम पर भेद भाव न हो तभी हमारा राष्ट्र एकता के सूत्र मे बंधा रहेगा। प्राचार्या प्रो प्रमोद कुमारी ने मुख्य अतिथि प्रो वी के त्रिपाठी को स्मृति चिह्न प्रदान किया। डा विशाल कुमार ने प्रो त्रिपाठी को पुस्तक देकर सम्मानित किया। 

    संचालन समरोहक डा रामायन राम ने किया। इस अवसर पर डा. विशाल कुमार, डा दीप्ति चौधरी, डा बृजेश राठी, डा प्रदीप कुमार, श्रीमती सीमा सिंह, डा अनुपम स्वामी, डा अंकिता त्यागी, डा नयना शर्मा, डा श्याम बाबू, डा लक्ष्मी गौतम, डा विनीता समेत समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे। राष्ट्रगीत के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।