प्रकाशनार्थ
राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 15-8-2021 को स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए।
सर्वप्रथम प्रात: 8 बजे महाविद्यालय की प्रचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने महाविद्यालय परिसर में तिरंगा झंडा फहराया तथा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इसके पश्चात राष्ट्रगान व झंडा गीत का सामूहिक गान किया गया।
समारोहक डा. रामायन राम ने निदेशक उच्च शिक्षा प्रयागराज उत्तर प्रदेश के संदेश का वाचन किया। इसके उपरांत राष्ट्रीय सेवा योजना, रेंजर्स की छात्राओं के साथ प्राचार्या जी के नेतृत्व् में सभी प्रध्यापकों ने प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी महाविद्यालय से प्रारम्भ होकर रेलवे रोड से होते हुए मुहल्ला गुजरान, राय जादगांन में होते हुए महाविद्यालय में आकर समाप्त हुआ। इस अवसर छात्राओं ने देश भक्ति से सम्बन्धित नारे लगाए।
प्रभातफेरी के उपरांत 9 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम व विचार गोष्ठी का सत्र प्रारम्भ हुआ। कार्यक्रम के तहत तहुरा अंजुम बी ए द्वितीय वर्ष तथा शमा बीए प्रथम वर्ष ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। एम ए गृह विज्ञान की छात्रा समून ने राष्ट्र प्रेम की कविता प्रस्तुत किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के अंतर्गत पूर्व निर्धारित योजना के आधार पर ' स्वतंत्रता आंदोलन में शामली जनपद का इतिहास' विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए प्रवक्ता समाजशास्त्र डा. बृजभूषण ने कहा कि भारत के स्वंतत्रता आंदोलन में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ साथ उन हजारों लाखों गुमनाम सेनानियों का भी बहुत बड़ा योगदान है जिनके बारे में इतिहास मौन है। आज उन शहीदों को याद करने का अवसर है जिन्हें अखबार की सुर्खियों में जगह नहीं मिली इसीलिए वर्तमान सरकार स्थानीय इतिहास को सामने लाने के लिए शोध कार्यों को बढ़ावा दे रही है।
उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव उन्हीं अनाम क्रांतिकारियों को याद करने व उनके महत्व को रेखांकित करने के लिए मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजादी की लडाई में सहारनपुर से लेकर शामली, मुज़फ्फरनगर तक का क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका मे रहे हैं।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी विष्णु प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि भारत की आजादी को संरक्षित करने के लिए नागरिकों को सांस्कृतिक रूप से जागरूक होना आवश्यक है। विशेषकर युवा पीढी को भारत के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक वैभव के प्रति गौरव का बोध होना अति आवश्यक है। छात्राओं को तकनीक का इस्तेमाल सोच समझ कर करना चाहिए, पूरे समाज व परिवार का बोझ महिलाओं के ऊपर होता है देश समाज और परिवार के उत्थान में महिलाओं का विशिष्ट योगदान है। उन्होंने कांधला व शामली के ऐतिहासिक भूमिका के बारे में बताया।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने अध्यक्षीय संबोधन में शामली जनपद में आजादी की लडाई के इतिहास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मुज्जफरनगर की एक तहसील के रूप में शामली का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहाँ मोहर सिंह जैसे क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों का जमकर मुकाबला किया था। यहाँ की महिला क्रांतिकारियों ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था। इनमें बसेड़ा की बख्तावरी देवी, थानाभवन की हबीबा खातून, मामकौर गड़रिया, शामली की इंदरकौर जाट, शोभा देवी ब्राह्माणी, जमीला पठान, रहीमो राजपूत, राजकौर, रणबीरी वाल्मीकि आदि ने अपनी-अपनी टोली बनाकर क्रांति में सहयोग दिया। अंग्रेजों ने इन सभी को फांसी पर लटका दिया था।
प्राचार्या जी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के अभूतपूर्व बलिदान की वजह से हमें आजादी मिली है। हमें आपस में न लड़ कर इस आजादी को संरक्षित करना है। यही हमारा कर्तव्य है।
मुख्य अतिथि श्री विष्णु प्रकाश अग्रवाल जी को प्राचार्या जी ने पौधा देकर सम्मानित किया। डा. बृजभूषण जी ने प्रचार्या जी को पौधा देकर सम्मानित किया।
रासेयो कार्यक्रम अधिकारी व आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के संयोजक डा. पंकज चौधरी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया, उन्होंने भी शामली जनपद के इतिहास पर प्रकाश डाला।
गोष्ठी के उपरांत मिष्ठान्न वितरण हुआ इसके पश्चात रासेयो के अंतर्गत श्रमदान हुआ व पौध रोपण का कार्यक्रम हुआ। इस अवसर पर समस्त प्राध्यापकगण व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।