राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 26-3-2021 को जूम ऐप के माध्यम से ' चौरी चौरा का इतिहास ' विषय पर वेब संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश शासन व उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के अनुरूप महाविद्यालय में चौरी चौरा की ऐतिहासिक घटना के सौ साल पूरे होने पर विविध कार्यक्रम कराये जा रहे हैं।
इसी क्रम में आज यह वेब संगोष्ठी आयोजित की गई। आज की गोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार व इतिहासकार डा. पंकज श्रीवास्तव रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने किया। मुख्य वक्ता डा. पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि चौरी चौरा की घटना अंग्रेज़ी राज के दमनकारी शासन के खिलाफ आम लोगों के आक्रोश का परिणाम थी। उन्होंने इस आक्रोश के आकार लेने की पूरी ऐतिहासिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए महात्मा गांधी के नेतृत्व् मे चलने वाले बारदोली का किसान आंदोलन व चंपारण के आंदोलन का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि रौलट एक्ट के खिलाफ जलियावाला बाग जैसा जघन्य कृत्य अंग्रेज़ों ने किया था। इन सब घटनाओं के कारण भारत के किसानो मजदूरों के मन में गुस्सा संगठित हो रहा था,जो चौरी चौरा मे असहयोग आंदोलन के दौरान फूट पड़ा। वहाँ किसानो का गुस्सा स्थानीय पुलिस अधिकारी के खिलाफ था और गांधी जी के अहिंसा की अपील के बावजूद यह घटना घट गई जिसके कारण गांधी जी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया।
महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो प्रमोद कुमारी ने कहा कि असहयोग आंदोलन इतना तीव्र था कि लगने लगा था कि भारत कुछ ही वर्षों मे आज़ाद हो जायेगा। लेकिन चौरी चौरा की घटना से गांधी जी आहत हुए और उन्होंने इसे चौरी चौरा का अपराध कहा। उन्होंने कहा कि हमारा आज़ादी का आंदोलन अनेक ऐतिहासिक घटनाओं से भरा हुआ है। चौरी चौरा एक महत्व पूर्ण पडाव है। हमे अपने इतिहास को सदा याद रखना चाहिए।
वेब गोष्ठी का संचालन डा. रामायन राम ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण उपस्थित रहे। अच्छी संख्या में छात्राएं भी गोष्ठी मे जूम ऐप के माध्यम से जुड़ी रहीं।