राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 4-2-2021 को चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
शासन के निर्देशों के अनुरूप व महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी जी के मार्ग दर्शन के अनुरूप सभी कार्यक्रमों को संपन्न कराया गया।
सर्व प्रथम छात्राओं ने राष्ट्र गीत 'वंदे मातरम् ' का गायन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पश्चात देशभक्ति गीत का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं ने समूह में व एकल रूप से देश भक्ति गीतों का गायन किया।
इसके पश्चात महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्रवक्ता डा. बृजभूषण ने चौरी चौरा के इतिहास पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि चौरी चौरा का संघर्ष स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। बहुत दिनों तक इस को सकारात्मक रूप में नहीं लिया गया। चौरी चौरा के इतिहास से यह पता चलता है कि आज़ादी की लडाई में बहुचर्चित नेताओं के अलावा लाखों किसान मजदूर व्यापारी व सरकारी सेवाओं के लोग भी अपने अपने स्तर पर शामिल थे। हमें उन अज्ञात सेनानियों के योगदान को भी याद करना चाहिए। इसके पूर्व कार्यक्रम संयोजक डा. पंकज चौधरी ने चौरी चौरा आंदोलन के इतिहास के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि 1922 को आज के ही दिन असहयोग आंदोलन के दौरान चौरी चौरा में किसान उग्र हो गए थे। इस कारण कई आंदोलन कारियों को फांसी की सजा हुई। आज उन्ही शहीदों की याद में शासन ने शताब्दी महोत्सव का आयोजन करने का निर्णय लिया है।
व्याख्यान के बाद छात्राओं ने स्वतंत्रता आंदोलन पर आधारित लघु नाटिका प्रस्तुत किया। जिसमें गांधी जी, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू, झांसी की रानी मौलाना आज़ाद इत्यादि नेताओं के विचारों का प्रस्तुतिकरण किया गया।
इस कार्यक्रम में डा. विशाल कुमार, डा. विजेंद्र सिंह, डा. बृजेश राठी, डा. दीप्ति चौधरी, डा. प्रदीप कुमार, डा. विनोद कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन डा. पंकज चौधरी व संचालन डा. रामायन राम ने किया।