Saturday, 30 January 2021

गांधी निर्वाण दिवस पर शहीद दिवस का आयोजन

राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 30-1-2021 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के शहादत दिवस पर  स्वतंत्रता संग्राम मे सभी शहीदों की स्मृति मे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन कर दो मिनट का मौन रखा गया। 

   आज सुबह 10:30 से महाविद्यालय में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा मे राजनीति विज्ञान विभाग के प्रवक्ता डा. पंकज चौधरी ने कहा कि विश्व में भारत की पहचान महात्मा गांधी की वजह से है। भारत के नेता जो विदेशों में जाते हैं वे बुद्ध और गांधी का संदेश  लेकर जाते हैं,भले ही वे गांधी जी की विचारधारा के आलोचक हों। गांधी जी ने भारतीय राष्ट्र के लोकतांत्रिक विचारधारा को आकार दिया था। उनके अतिरिक्त लाखों अनाम शहीदों ने देश को आज़ाद कराने मे अपनी भूमिका निभाई थी। उन शहीदों का भी योगदान कम महत्त्व नहीं है। लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे लोकप्रिय विचार गांधी जी का सत्य व अहिंसा का विचार था। 

               उन्होंने कहा कि गांधी जी की हत्या करने वाले को कोई याद नही रखता जबकि मृत्यु के बाद गांधी जी का विचार पूरे विश्व में शांति व मानव अधिकारों का प्रतीक की तरह उभर गए। बीसवीं सदी के सबसे महान वैज्ञानिक आइंस्टीन ने कहा था कि आने वाली पीढी़यां यह यकीन भी नहीं कर पाएंगी कि गांधी जैसा हाड़ मांस का इंसान भी इस धरती पर कभी था। 

      महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने कहा कि महात्मा गांधी भले ही हमारी तरह हाड़ मांस के एक मनुष्य थे पर वे एक महामानव थे। उन्होेंने सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह व अस्तेय जैसे विचारों को अपने जीवन में व्यावहारिक रूप में लागू किया। उनकी कथनी और करनी मे कोई अंतर नहीं था। वे जो दूसरों को जो उपदेश देते थे उसे पहले खुद पर लागू करते थे। इसीलिए उन्होेंने अपनी आत्म कथा 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' में अपने जीवन की घटनाओं का ईमानदारी से वास्तविक मूल्यांकन किया है। उन्होंने कहा कि गांधी जी ने स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण के लिए जीवन शैली मे मौलिक बदलाव की बात की इसीलिए वे पश्चिमी जीवन शैली के बजाय भारतीय जीवन पद्धति की विशेषता को अपनाते थे। 

     हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने उनके जन्म दिवस पर ही 2 अक्तुबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। राष्ट्रीय सेवा योजना का शुभारंभ भी उनके जन्म की शत वार्षिकी के अवसर पर ही हुआ था। 

        प्राचार्या प्रो प्रमोद कुमारी ने कहा कि गांधी जी के जीवन मूल्यों व आदर्शों को अपना कर ही भारत देश महान बना है। हम सभी को गांधी जी के आदर्शों को जीवन मे अपनाना चाहिए। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के सभी शहीदों को श्रद्धान्जलि अर्पित किया। 

     इसके उपरांत ठीक 11 बजे से दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को याद किया गया। इस अवसर पर डा. बृजभूषण, डा. विशाल कुमार, डा प्रदीप कुमार, डा बृजेश राठी, डा दीप्ति चौधरी, डा. विनोद कुमार, डा रामायन राम व श्रीमती अंशु उपस्थित रहे।