राजकीय महिला स्नताकोत्तर महाविद्यालय कांधला , शामली में दिनांक २५-१२-२०२० को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी का जन्म दिवस मनाया गया।
सर्व प्रथम महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने पुरवान्ह् ११ बजे महाविद्यालय में अटल जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व उनके चित्र पर माल्यार्पण किया।
इसके पश्चात जूम ऐप के माध्यम से एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमे मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रवक्ता समाजशास्त्र डा. बृजभूषण ने कहा कि अटल जी न केवल एक महान राजनीतिज्ञ बल्कि एक समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्त्ता के रूप मे की थी। आगे चल कर वे पत्रकारिता करते हुए सक्रिय राजनीति में आये। जनसंघ की स्थापना करते हुए उसके अध्यक्ष रहे। विदेश मंत्री का पद भी संभाला व भारतीय जनता पार्टी के भी संस्थापक अध्यक्ष रहे और भारत के तीन तीन बार प्रधानमंत्री भी रहे। उन्होंने कहा कि अटल जी हिंदुत्व की विचार धारा के प्रति समर्पित थे। उनकी कविता ' रग रग हिंदू मेरा जीवन ' मे हिंदुत्व की विस्तृत व्याख्या की गई है। डा बृजभूषण ने अटल जी कविताओं के जरिये उनकी विचार धारा को सामने रखा।
गोष्ठी की अध्यक्षा महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने कहा कि श्री अटल बिहारी बाजपेयी एक उदार नेता थे। वे भारत माँ के सच्चे सपूत थे। भारत के लोकतंत्र में उनकी सच्ची आस्था थी। यही कारण है कि विरोधी विचार के प्रति उनके मन में आदर था। वे भारत के सर्व श्रेष्ठ सांसद के रूप मे सम्मानित रहे। सभी दलों के नेता उनका बहुत सम्मान करते थे। १९७७ मे जनता पार्टी की सरकार में वे विदेश मंत्री रहे, वे सर्वाधिक चर्चित विदेश मंत्री रहे। संयुक्त राष्ट्र संघ में उन्होंने पहली बार हिंदी में भाषण दिया, जिसके कारण हिंदी भाषा को विश्व पटल पर सम्मान हासिल हुआ। उनकी विदेश नीति में अमरीका और रूस जैसे महा शक्तियों से मित्रता के बजाय दक्षिण एशिया के अपने पड़ोसी देशों की आपसी मित्रता व सहयोग पर जोर था। इसीलिए जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लाहौर बस सेवा शुरू की और खुद उसमे बैठे कर लहौर गए।
पोखरण में परमाणु परीक्षण करके उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचय दिया, उन्होंने 'जय जवान, जय किसान जय विज्ञान ' का नारा दिया जिससे यह पता चलता है कि हमारे दूसरे प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के नारे को सम्मान देते हुए उन्होंने अपना नारा दिया।
उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति में प्रवासी भारतियों का साथ लेने के लिए अटल जी ने हर वर्ष ९ जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाने की शुरुआत की जिसे हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी आगे बढ़ा रहे हैं। अटल जी ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गाँव को शहरों से जोड़ने का कार्य किया। अटल जी बहुत ही विनोदी स्वभाव के राजनेता थे। नई पीढी को अटल जी के उदार विचारों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर डा सुनील कुमार, डा. विनोद कुमार समेत अनेक छात्राएं भी जुड़ी रहीं। संचालन डा रामायन राम ने किया।