राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज 20 नवंबर 2011 को महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में जूम मीटिंग प्लेटफार्म के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन कर रही महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ दीप्ति चौधरी ने बताया कि भारत में सभी बच्चों के लिये वास्तविक मानव अधिकार के पुनर्विचार के लिये 20 नवंबर को हर वर्ष बाल अधिकार दिवस मनाया जाता है। यह दिन पूरे विश्व में वैश्विक बाल दिवस (अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस) के रुप में भी मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन हेतु आज 'शक्ति संवाद कार्यक्रम' में प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ पंकज चौधरी (प्राध्यापक राजनीति शास्त्र) रहे। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए बालक एवं बालिकाओं के लिए विभिन्न संवैधानिक एवं वैधानिक अधिकारों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि अपने बच्चों के सभी अधिकारों के बारे में लोगों को जागरुक बनाने की अत्यधिक आवश्यकता है। बाल अधिकारों के तहत जीवन का अधिकार, पहचान, भोजन, पोषण और स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा और मनोरंजन, नाम और राष्ट्रीयता, परिवार और पारिवारिक पर्यावरण, उपेक्षा से सुरक्षा, बदसलूकी, दुर्व्यवहार, बच्चों का गैर-कानूनी व्यापार आदि शामिल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर श्रीमती प्रमोद कुमारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाल अधिकारों के अनुसार बचपन अर्थात् उनके शारीरिक और मानसिक अपरिपक्वता के दौरान बच्चों की कानूनी सुरक्षा, देख-भाल और संरक्षण करना बहुत जरुरी है। बाल अधिकार बाल श्रम और बाल दुर्व्यवहार से सुरक्षा प्रदान करता है।जिससे बच्चे अपने बचपन, जीवन और विकास के अधिकारों को प्राप्त कर सकें। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अधिकतम प्राध्यापक एवं छात्राएं उपस्थित रही। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।