राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला, शामली में आज दिनांक 12 /11/ 2020 को जूम प्लेटफार्म के माध्यम से मिशन शक्ति के अंतर्गत 'पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं का योगदान' विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह विचार गोष्ठी वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित की गई। सर्वप्रथम वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉक्टर बृजेश राठी द्वारा छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं के योगदान के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि महिलाओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए किसी ना किसी रूप में सदैव कार्य किया है। सर्वप्रथम 1731 में राजस्थान के खेजड़ी जगह पर अमृता देवी विश्नोई ने खेजड़ी वृक्षों के कटान को रोकने के लिए अपनी तीन पुत्रियों के साथ अपने प्राण त्याग दिए।1970 में भी चमोली जिले में शुरू हुए चिपको आंदोलन में गौरा देवी जैसी सक्रिय पर्यावरणविद का सहयोग रहा । उन्होंने छात्राओं को सुगाथा कुमारी, सुनीता नारायण, वंदना शिवा आदि महिलाओं को अपना आदर्श मानते हुए घर में रहकर भी पर्यावरण को सुरक्षित रखने के प्रयासों की ओर पहल करने के लिए प्रेरित किया। 'पर्यावरण संरक्षण में महिलाओं की भूमिका' विषय पर आज वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एक निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई है जिसका परिणाम 15/11/2020 को घोषित किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन कर रही महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डॉ दीप्ति चौधरी ने छात्राओं को दीपावली के पर्व पर अपने घर एवं आसपास की स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य करते हुए 'ग्रीन दिवाली क्लीन दिवाली ' के लिए प्रोत्साहित किया। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर श्रीमती प्रमोद कुमारी द्वारा अपने अध्यक्षीय संबोधन में छात्राओं को बताया गया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए महिलाओं ने हमेशा पुरुषों का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया है। पहले समय में भी महिलाएं अपने घर में गोबर से लिपाई पुताई कर नीम की पत्तियों को जलाकर अपने घर को साफ स्वच्छ रखती थी एवं आज भी महिलाएं ही विशेष रूप से अपने घर एवं पड़ोस की सफाई एवं स्वच्छता पर ध्यान देती हैं। हमें जल एवं पर्यावरण का संरक्षण करना चाहिए। यदि हम पॉलिथीन के बजाए जूट के थैलों का उपयोग करेंगे तो उससे हम पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को संरक्षित रखते हुए दूसरों को रोजगार देने में भी सहायक होंगे।अन्त मे प्राचार्या द्वारा समस्त उपस्थित लोगों को महिला सुरक्षा एवं सम्मान से संबंधित शपथ दिलाई गई ।कार्यक्रम में महाविद्यालय परिवार की छात्राएं उनके अभिभावक एवं प्राध्यापक गण उपस्थित रहे।