Friday, 2 October 2020

गाँधी एवं शास्त्री जयन्ती

 • राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई गई। 


कांधला/२ अक्टूबर२०२० / राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक २-१०-२०२० को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती का आयोजन किया गया। 

    सर्वप्रथम प्रात: ८ बजे से महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने  ध्वजारोहण किया। राष्ट्रगान व ध्वज को सलामी दी गई व झंडा गीत 'विजयी विश्व तिरंगा प्यारा' का गायन किया गया। इसके उपरांत प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन कर पुष्प अर्पित किया महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों ने भी महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। 

       इसके उपरांत  सर्व- धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसके तहत रंजेर्स से जुड़ी छात्राओं ने गीता, कुरान,बाईबिल, रामचरित मानस व जैन धर्म से जुड़ी हुई प्रार्थनाओं का पाठ किया। इसी क्रम में गांधी जी के प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो तेने कहिये '  का गायन किया गया। व रामधुन 'रघुपति राघव राजा राम ' का गायन किया गया। 

       इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में महाविद्यालय के राजनीतिशास्त्र विभाग के प्रवक्ता डा. पंकज चौधरी ने महात्मा गांधी के जीवन दर्शन व प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने गांधी जी के बाल्यावस्था, शिक्षा तथा दक्षिण अफ्रिका में किये गए रंग भेद विरोधी संघर्ष का उल्लेख किया। भारत के स्वतन्त्रता आंदोलन में सत्याग्रह तथा अहिंसा के सिद्धांत के विषय में गांधी जी के प्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गांधी जी भी साधारण मनुष्य थे जिनके अंदर मानवीय कमजोरियां थी पर उन्होंने इन कमजोरियों को स्वीकार किया व निरंतर सुधार का प्रयास करते रहे। हमे भी अपने जीवन में इन मूल्यों को लागू करना चाहिए। 

     महाविद्यालय मे भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता डा. विशाल कुमार ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के विषय मे अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि लाल बहादुर शास्त्री सच्चे मायने में गांधी जी के अनुयायी थे। उन्होंने सादा जीवन उच्च विचार के आदर्शों को आत्मसात किया था। प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने देश को विपन्नता से बाहर निकालने तथा देश की सीमाओं की रक्षा करने मे अदम्य इच्छा शक्ति का परिचय दिया। उन्होंने 'जय जवान जय किसान ' का नारा देकर भारतीय जन मानस में आत्म गौरव का बोध भरने का काम किया। 

    महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्रवक्ता डा. बृजभूषण ने कहा कि गांधी जी ने अहिंसा का सिद्धांत जैन धर्म से ग्रहण किया था। बचपन मे वे जैन मुनियों से सुने हुए ज्ञान को अहिंसा के रूप मे स्वतंत्रता आंदोलन में प्रयुक्त किया। उन्होेंने कहा कि गांधी जी सर्व धर्म सम भाव की बात करते थे पर वे हिंदू जीवन संस्कृति से प्रभावित थे इसीलिए वे राम राज्य लाना चाहते थे। 

    कार्यक्रम की अध्यक्षा महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने कहा कि आज पूरी दुनिया मे फिर से शीत युद्ध जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं, पूरा विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ा है ऐसे में यदि हम महात्मा गांधी जी के विचारों का अनुगमन करें तो विश्व में शांति स्थापित हो सकती है। महात्मा गांधी ने भगवान बुद्ध के अहिंसा के सिद्धांत को आत्मसात किया था। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वच्छता का महत्व सबको समझ में आने लगा है, गांधी जी ने व्यक्तिगत स्वच्छता पर बहुत बल दिया था। वे सफाई को हीन कर्म नहीं मानते थे वे सभी को सफाई के लिए प्रेरित करते थे, वे कहते थे कि सफाई का काम सिर्फ जाति विशेष का कार्य नहीं होना चाहिए। वे सर पर मैला ढोने की प्रथा के खिलाफ थे। इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने २ अक्टूबर २०१४ से स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की, जिसका परिणाम अब दिख रहा है जिससे हमारा परिवेश स्वच्छ नजर आने लगा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी के मार्ग पर चल कर महामारी को दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री जी सादगी के प्रतिमूर्ति थे। नेहरू जी की मृत्यु के पश्चात उन्होंने देश का बखूबी नेतृत्व् किया। खाद्यान्न संकट से देश को उबारने के लिए उन्होंने अधिक अन्न उपजाओ का मंत्र दिया था। वे देश के सर्व श्रेष्ठ प्रधानमंत्रियो मे से एक थे। 

      कार्यक्रम का संचालन समारोहक डा. रामायन राम ने किया। इस अवसर पर डा. बृजभूषण, डा. विशाल कुमार, डा. विजेंद्र सिंह, डा. दीप्ति चौधरी, डा. प्रदीप कुमार, डा बृजेश राठी, डा. सुनील कुमार, डा. पंकज चौधरी, डा. विनोद कुमार, श्रीमती सीमा सिंह व श्रीमती अंशु उपस्थित रहे। समस्त अशैक्षणिक कर्मचारी पिंटू लाल, विपिन, किशन लाल, कादिर, नफीस व मुन्नवर उपस्थित रहे।   राष्ट्र गीत के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।इस अवसर पर महाविद्यालय मे स्वछता हेतु श्रमदान भी किया गया।