• राजकीय महिला महाविद्यालय कांधला शामली में हिंदी दिवस आयोजन के तहत आयोजित हुई वेब संगोष्ठी!
कांधला/14 सितंबर/ राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली मे आज दिनांक १४ सितंबर २०२० को हिंदी दिवस के अंतर्गत एक वेब गोष्ठी का आयोजन किया गया। 'राष्ट्र भाषा हिंदी: वर्तमान परिदृश्य व भविष्य की दिशा' विषयक इस गोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने की।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हिंदी विश्व में चीनी एवं अंग्रेजी के बाद सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। लेकिन भारत में आज तक इस भाषा को वह स्थान नहीं मिल सका है जिसकी वह हकदार है। उन्होंने भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रसिद्ध उक्ति 'निज भाषा उन्नति अहै सब उन्नति को मूल' का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदी भाषा भारतीय पहचान की भाषा है लेकिन अंग्रेज़ी के प्रभाव के कारण राष्ट्रभाषा की उपेक्षा होती है। उन्होंने कहा कि भारत मे हर पढ़ा लिखा व्यक्ति अपने बच्चे का पंजीकरण अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालय में ही कराना चाहता है। और हिंदी भाषा के प्रति बचपन से ही उनमे हीन भावना भर दी जाती है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति २०२० में भारतीय भाषाओं हिंदी, संस्कृत इत्यादि को बहुत महत्व दिया गया है। इसके लागू होने से हिंदी का महत्व और अधिक बढ़ेगा।
गोष्ठी में विशेष वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए महाविद्यालय के प्रवक्ता संस्कृत डा. विनोद कुमार ने कहा कि हिंदी के विकास में बाधा के रूप में यह सोच बनी हुई है कि गैर हिंदी भाषी राज्यों से संपर्क के लिए संपर्क भाषा के रूप में अंग्रेज़ी का प्रयोग होना जरूरी है। इसी सोच के कारण अंग्रेज़ी से मुक्त होना संभव नहीं हो पाया। संविधान सभा में अंग्रेज़ी को संपर्क और काम काज की भाषा के रूप में मात्र पंद्रह वर्ष के लिए स्वीकार किया गया था। लेकिन वह आज तक सरकारी काम काज, न्यायालय सरकारी विभागों की भाषा बनी हुई है। उनका कहना था कि हिंदी को समस्त राजकीय कार्यों की भाषा बनाकर सम्पूर्ण भारत की लिंक भाषा के रूप में विकसित करना होगा तभी हिंदी को गौरव व उसे राष्ट्रभाषा का अधिकार प्राप्त हो सकता है। और यही हिन्दी के राष्ट्रभाषा होने का औचित्य भी है।
इस वेब गोष्ठी में बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा इति जैन ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। गोष्ठी का संचालन प्रवक्ता हिंदी डा. रामायन राम ने किया। इस अवसर पर डा. ब्रजभूषण, डा विजेंद्र सिंह, डा. विशाल कुमार, डा. बृजेश राठी, डा. सुनील कुमार, डा दीप्ति चौधरी, डा.प्रदीप कुमार ,डा. पंकज चौधरी श्रीमती सीमा सिंह व श्रीमती अंशु सिंह उपस्थित रहे।
गोष्ठी का शुभारंभ डा. विनोद कुमार द्वारा सरस्वती वंदना के वैदिक मंत्रों से किया गया अन्त में राष्ट्रगीत के साथ गोष्ठी संपन्न हुई।