एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के अन्तर्गत राजकीय महिला महाविद्यालय कांधला में द्विदिवसीय वेब संगोष्ठी सम्पन्न
◆राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली के एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न!
◆ शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये ।तकनीकी सत्र में विषयप्रवर्तक वक्ता के रुप में आमन्त्रित डॉ. भावप्रकाश गांधी व डॉ. सुखराम ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। अध्यक्षता प्राचार्या प्रो. प्रमोद कुमारी ने की!
कांधला/3 जुलाई/ राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली के एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आज समापन हो गया। वेबिनार के दूसरे व अंतिम दिन का शुभारंभ महाविद्यालय की छात्रा गुलशन व आँचल के द्वारा गाए गए सरस्वती वंदना के वैदिकमंत्रो के सस्वर पाठ से हुआ।
आज के तकनीकी सत्र के प्रथम वक्ता डॉ. भावप्रकाश गांधी, आसिस्टेन्ट प्रो.,सरकारी विनयन एवम वाणिज्य कॉलेज साबरकांठा गुजरात, रहे।उन्होंने ' भारतीय विरासत के संरक्षण में पांडुलिपियों की भूमिका' विषय पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण श्रोत हैं पांडुलिपियां।उन्होंने कहा कि हमें अपनी विरासत को संरक्षित करने की जरूरत है।विरासत परम्परा व सहित्य दो रूपों में मिलती है।हमारे प्रचीन वांग्मय की पांडुलिपियां हमारी बहुमूल्य धरोहर हैं।इन्हें संरक्षित करना हामारा कर्तव्य है।शोधार्थी व शिक्षक होने के नाते भी हमें इनका रक्षण करना चाहिए।उन्होंने विस्तार से पांडुलिपियों के प्रकार,उनके स्रोत व कालखण्ड के आधार पर उनके ऐतिहासिक महत्व को सिद्ध किया।
तकीनीकी सत्र के द्वितीय वक्ता दिल्ली वि.वि. के शिवाजी कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. सुखराम जी ने प्राचीन अभिलेखों व शिलालेखों के महत्व के बारे में बताया।उन्होने कहा कि बहुत समय तक यह माना जाता रहा है कि प्राचीन भारतीय इतिहासकारों के पास सम्यक ऐतिहासिक दृष्टि नहीं थी। परंतु कल्हण के राजतरंगिणी व वाणभट्ट के हर्षचरितम के प्रकाश में आने के बाद यह माना गया कि प्राचीन भारतीय साहित्य में ऐतिहासिक ग्रंथो के सभी गुण विद्यमान हैं।उन्होंने गिरनार के अभिलेखों व अशोक के शिलालेखों की चर्चा करते हुए भारतीय इतिहास व संस्कृति के प्रमाणस्वरूप इन अभिलेखों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
आज के शोध पत्र व पोस्टर प्रस्तुतिकरण के सत्र में कुल 9 शोध पत्र व 11 पोस्टर प्रस्तुत हुए।शोध पत्र का वाचन करने वाले शोधार्थी टिंकू खत्री ,शोध छात्रा , चूरू राजस्थान,नेहा प्रधान, प्राध्यापिका, कोटा राजस्थान, गीता अग्रवाल प्राध्यापिका, बरेली, ईरा कल्षाण , महाविद्यालय की भूतपूर्व छात्रा, अविषि, महाविद्यालय की छात्रा, डॉ. प्रीति चौहान, प्राचार्य आर.के. देसाई, कॉलेज ऑफ एजुकेशन, वापी, उमेश पाठक, अंतरराष्ट्रीय तुलसी संस्थान, सोरों व रेणु, छात्रा जैन कॉलेज,बडौत, बागपत रहे।
पोस्टर प्रस्तुतिकरण मनीशा जैन, सिमरन शर्मा, राबिहा मिर्ज़ा, कु संजना, शिवानी काकरान, रचना चौहान, शिवानी जांगीड़, काजल चौहान, अनामिका अनिल तिवाड़, पालघर, महाराष्ट्र से, निशा रानी व तान्या काकरान ने किया।
संचालन प्रवक्ता संस्कृत डॉ. विनोद कुमार ने किया।कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी वक्ताओं, अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन वेबिनार के आयोजन सचिव एवं एक भारत श्रेष्ट भारत क्लब के नोडल अधिकारी, डॉ. विशाल कुमार ने किया।
वेबिनार मे तकनीकी व्यवस्था, वेबिनार के संयोजक, डॉ. विजेंद्र सिंह के निर्देशन में सम्पन्न हुईं। इस अवसर पर आयोजन समिति के सभी अन्य सदस्यों, डॉ.बृजभूषण, डॉ. ब्रिजेश राठी, डॉ. सुनील कुमार,डॉ. दीप्ति चौधरी,डॉ. प्रदीप कुमार,डॉ. पंकज चौधरी, श्रीमती सीमा सिंह,श्रीमती अंशु सिंह, डॉ. रामायन राम ने आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग दिया।राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
◆राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली के एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न!
◆ शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये ।तकनीकी सत्र में विषयप्रवर्तक वक्ता के रुप में आमन्त्रित डॉ. भावप्रकाश गांधी व डॉ. सुखराम ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये। अध्यक्षता प्राचार्या प्रो. प्रमोद कुमारी ने की!
कांधला/3 जुलाई/ राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली के एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आज समापन हो गया। वेबिनार के दूसरे व अंतिम दिन का शुभारंभ महाविद्यालय की छात्रा गुलशन व आँचल के द्वारा गाए गए सरस्वती वंदना के वैदिकमंत्रो के सस्वर पाठ से हुआ।
आज के तकनीकी सत्र के प्रथम वक्ता डॉ. भावप्रकाश गांधी, आसिस्टेन्ट प्रो.,सरकारी विनयन एवम वाणिज्य कॉलेज साबरकांठा गुजरात, रहे।उन्होंने ' भारतीय विरासत के संरक्षण में पांडुलिपियों की भूमिका' विषय पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण श्रोत हैं पांडुलिपियां।उन्होंने कहा कि हमें अपनी विरासत को संरक्षित करने की जरूरत है।विरासत परम्परा व सहित्य दो रूपों में मिलती है।हमारे प्रचीन वांग्मय की पांडुलिपियां हमारी बहुमूल्य धरोहर हैं।इन्हें संरक्षित करना हामारा कर्तव्य है।शोधार्थी व शिक्षक होने के नाते भी हमें इनका रक्षण करना चाहिए।उन्होंने विस्तार से पांडुलिपियों के प्रकार,उनके स्रोत व कालखण्ड के आधार पर उनके ऐतिहासिक महत्व को सिद्ध किया।
तकीनीकी सत्र के द्वितीय वक्ता दिल्ली वि.वि. के शिवाजी कॉलेज के प्रवक्ता डॉ. सुखराम जी ने प्राचीन अभिलेखों व शिलालेखों के महत्व के बारे में बताया।उन्होने कहा कि बहुत समय तक यह माना जाता रहा है कि प्राचीन भारतीय इतिहासकारों के पास सम्यक ऐतिहासिक दृष्टि नहीं थी। परंतु कल्हण के राजतरंगिणी व वाणभट्ट के हर्षचरितम के प्रकाश में आने के बाद यह माना गया कि प्राचीन भारतीय साहित्य में ऐतिहासिक ग्रंथो के सभी गुण विद्यमान हैं।उन्होंने गिरनार के अभिलेखों व अशोक के शिलालेखों की चर्चा करते हुए भारतीय इतिहास व संस्कृति के प्रमाणस्वरूप इन अभिलेखों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की।
आज के शोध पत्र व पोस्टर प्रस्तुतिकरण के सत्र में कुल 9 शोध पत्र व 11 पोस्टर प्रस्तुत हुए।शोध पत्र का वाचन करने वाले शोधार्थी टिंकू खत्री ,शोध छात्रा , चूरू राजस्थान,नेहा प्रधान, प्राध्यापिका, कोटा राजस्थान, गीता अग्रवाल प्राध्यापिका, बरेली, ईरा कल्षाण , महाविद्यालय की भूतपूर्व छात्रा, अविषि, महाविद्यालय की छात्रा, डॉ. प्रीति चौहान, प्राचार्य आर.के. देसाई, कॉलेज ऑफ एजुकेशन, वापी, उमेश पाठक, अंतरराष्ट्रीय तुलसी संस्थान, सोरों व रेणु, छात्रा जैन कॉलेज,बडौत, बागपत रहे।
पोस्टर प्रस्तुतिकरण मनीशा जैन, सिमरन शर्मा, राबिहा मिर्ज़ा, कु संजना, शिवानी काकरान, रचना चौहान, शिवानी जांगीड़, काजल चौहान, अनामिका अनिल तिवाड़, पालघर, महाराष्ट्र से, निशा रानी व तान्या काकरान ने किया।
संचालन प्रवक्ता संस्कृत डॉ. विनोद कुमार ने किया।कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी वक्ताओं, अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन वेबिनार के आयोजन सचिव एवं एक भारत श्रेष्ट भारत क्लब के नोडल अधिकारी, डॉ. विशाल कुमार ने किया।
वेबिनार मे तकनीकी व्यवस्था, वेबिनार के संयोजक, डॉ. विजेंद्र सिंह के निर्देशन में सम्पन्न हुईं। इस अवसर पर आयोजन समिति के सभी अन्य सदस्यों, डॉ.बृजभूषण, डॉ. ब्रिजेश राठी, डॉ. सुनील कुमार,डॉ. दीप्ति चौधरी,डॉ. प्रदीप कुमार,डॉ. पंकज चौधरी, श्रीमती सीमा सिंह,श्रीमती अंशु सिंह, डॉ. रामायन राम ने आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना बहुमूल्य सहयोग दिया।राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।