महाविद्यालय ने मनाया एक भारत श्रेष्ठ भारत दिवस
● 'राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कांधला, शामली, उ०प्र०' में आयोजित हुआ 'एक भारत श्रेष्ठ भारत दिवस'।
कांधला/28 जून/ राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला, शामली, उ०प्र० मे 'एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब' के तत्वावधान में आज दिनांक 28 जून 2020 को 'एक भारत- श्रेष्ठ भारत दिवस' का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्या, प्रो. प्रमोद कुमारी की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण डॉ. बृजभूषण, डॉ. विशाल कुमार, डॉ. विजेन्द्र सिंह, डॉ दीप्ति चौधरी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. पंकज चौधरी, डॉ. बृजेश राठी, श्रीमती सीमा सिंह, श्रीमती अंशु सिंह, डॉ. रामायन राम जूम एप के माध्यम से एवं महाविद्यालय की छात्राएं जूम एप व यू ट्यूब एप के माध्यम से सम्मिलित हुए। इस अवसर पर भारत के इतिहास, संस्कृति, हस्तशिल्प व व्यंजनों से सम्बंधित विषयों पर प्राध्यापकों व छात्राओं ने विचार विनिमय किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ ततपश्चात महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ. बृजभूषण ने 'भारतीय संस्कृति की विशेषता' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के चार प्रमुख आधार हैं- विविधता में एकता, तीर्थाटन, समायोजनशीलता व परस्परनिर्भरता। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्र की यह विशेषता है कि यहाँ भिन्न भिन्न संस्कृतियाँ एक भू राजनैतिक इकाई में आबद्ध रहती हैं। साथ ही स्वामी शंकराचार्य ने चार तीर्थ स्थल की नींव डाली जो देश की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। तीर्थाटन के कारण देश में सांस्कृतिक आदान प्रदान होता रहता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशेषता दूसरी संस्कृतियों के सकारात्मक तत्वों को ग्रहण करने की है। यह सहनशील व समायोजनशील है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज परस्परनिर्भरता पर आधारित समाज है व यहां की जाति व्यवस्था इसी परस्परनिर्भरता का परिणाम है। सभी एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने वालों से सावधान रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
दूसरे वक्ता के रूप में महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती सीमा सिंह ने भारत के हस्त शिल्प के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि भारत में मोहनजोदड़ो हड़प्पा संस्कृति से लेकर, आर्य संस्कृति, मुग़ल संस्कृति व वर्तमान समय तक विभिन्न हस्त शिल्प का विकास दिखता है। उन्होंने वर्तमान भारत के विभिन्न हस्त शिल्प के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं, कु. अंशिका (बी.एस-सी. प्रथम वर्ष), कु. हनी (बी.एस-सी. द्वितीय वर्ष), कु. निधि शर्मा (बी.एस-सी. द्वितीय वर्ष), कु.काजल जैन (बी.ए. द्वितीय वर्ष), कु. तेजस्विनी (बी.एस-सी. तृतीय वर्ष),
ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। जो आज भी निरंतर विकासमान है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ग्रहणशील है। उन्होंने कहा कि समय समय पर विदेशी लोगों का आगमन हमारे यहां हुआ है, हमने उनके साथ अन्तःक्रिया कर उनकी संस्कृति की अच्छी बातों को अपनाया, और आक्रमणकारी उपनिवेशवादी नीतियों का विरोध किया।उन्होंने भारत के विभिन्न प्रदेशों एवं शहरों की कुछ विशेषताओं तथा वहां मिलने वाले तथा निर्मित होने वाले उत्पादों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। प्राचार्या महोदया ने छात्राओं को अच्छे वक्ता बनने के लिये उपयोगी सुझाव दिये। उन्होंने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को शुरू करके प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों को साकार करने का कार्य किया है।
कार्यक्रम के अन्तिम चरण में शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ जिसमें प्राचार्या प्रो. प्रमोद कुमारी द्वारा सभी को स्वच्छता, जल संचयन, एकल प्रयोग होने वाली प्लास्टिक के प्रयोग न करने तथा राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने के लिये शपथ दिलायी गयी। राष्ट्रीय गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम का संचालन व आभार ज्ञापन 'एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब' के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल कुमार ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक / प्राध्यापिकाओं का सहयोग अत्यन्त सराहनीय रहा।
● 'राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कांधला, शामली, उ०प्र०' में आयोजित हुआ 'एक भारत श्रेष्ठ भारत दिवस'।
कांधला/28 जून/ राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला, शामली, उ०प्र० मे 'एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब' के तत्वावधान में आज दिनांक 28 जून 2020 को 'एक भारत- श्रेष्ठ भारत दिवस' का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्या, प्रो. प्रमोद कुमारी की अध्यक्षता में किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण डॉ. बृजभूषण, डॉ. विशाल कुमार, डॉ. विजेन्द्र सिंह, डॉ दीप्ति चौधरी, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. पंकज चौधरी, डॉ. बृजेश राठी, श्रीमती सीमा सिंह, श्रीमती अंशु सिंह, डॉ. रामायन राम जूम एप के माध्यम से एवं महाविद्यालय की छात्राएं जूम एप व यू ट्यूब एप के माध्यम से सम्मिलित हुए। इस अवसर पर भारत के इतिहास, संस्कृति, हस्तशिल्प व व्यंजनों से सम्बंधित विषयों पर प्राध्यापकों व छात्राओं ने विचार विनिमय किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ ततपश्चात महाविद्यालय के वरिष्ठतम प्राध्यापक डॉ. बृजभूषण ने 'भारतीय संस्कृति की विशेषता' विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति के चार प्रमुख आधार हैं- विविधता में एकता, तीर्थाटन, समायोजनशीलता व परस्परनिर्भरता। उन्होंने कहा कि भारतीय राष्ट्र की यह विशेषता है कि यहाँ भिन्न भिन्न संस्कृतियाँ एक भू राजनैतिक इकाई में आबद्ध रहती हैं। साथ ही स्वामी शंकराचार्य ने चार तीर्थ स्थल की नींव डाली जो देश की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। तीर्थाटन के कारण देश में सांस्कृतिक आदान प्रदान होता रहता है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की विशेषता दूसरी संस्कृतियों के सकारात्मक तत्वों को ग्रहण करने की है। यह सहनशील व समायोजनशील है। उन्होंने कहा कि भारतीय समाज परस्परनिर्भरता पर आधारित समाज है व यहां की जाति व्यवस्था इसी परस्परनिर्भरता का परिणाम है। सभी एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने वालों से सावधान रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
दूसरे वक्ता के रूप में महाविद्यालय के गृहविज्ञान विभाग की प्राध्यापिका श्रीमती सीमा सिंह ने भारत के हस्त शिल्प के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि भारत में मोहनजोदड़ो हड़प्पा संस्कृति से लेकर, आर्य संस्कृति, मुग़ल संस्कृति व वर्तमान समय तक विभिन्न हस्त शिल्प का विकास दिखता है। उन्होंने वर्तमान भारत के विभिन्न हस्त शिल्प के बारे में विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्राओं, कु. अंशिका (बी.एस-सी. प्रथम वर्ष), कु. हनी (बी.एस-सी. द्वितीय वर्ष), कु. निधि शर्मा (बी.एस-सी. द्वितीय वर्ष), कु.काजल जैन (बी.ए. द्वितीय वर्ष), कु. तेजस्विनी (बी.एस-सी. तृतीय वर्ष),
ने भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. श्रीमती प्रमोद कुमारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। जो आज भी निरंतर विकासमान है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ग्रहणशील है। उन्होंने कहा कि समय समय पर विदेशी लोगों का आगमन हमारे यहां हुआ है, हमने उनके साथ अन्तःक्रिया कर उनकी संस्कृति की अच्छी बातों को अपनाया, और आक्रमणकारी उपनिवेशवादी नीतियों का विरोध किया।उन्होंने भारत के विभिन्न प्रदेशों एवं शहरों की कुछ विशेषताओं तथा वहां मिलने वाले तथा निर्मित होने वाले उत्पादों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। प्राचार्या महोदया ने छात्राओं को अच्छे वक्ता बनने के लिये उपयोगी सुझाव दिये। उन्होंने 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान को शुरू करके प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल के सपनों को साकार करने का कार्य किया है।
कार्यक्रम के अन्तिम चरण में शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ जिसमें प्राचार्या प्रो. प्रमोद कुमारी द्वारा सभी को स्वच्छता, जल संचयन, एकल प्रयोग होने वाली प्लास्टिक के प्रयोग न करने तथा राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने के लिये शपथ दिलायी गयी। राष्ट्रीय गीत के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
कार्यक्रम का संचालन व आभार ज्ञापन 'एक भारत श्रेष्ठ भारत क्लब' के नोडल अधिकारी डॉ. विशाल कुमार ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक / प्राध्यापिकाओं का सहयोग अत्यन्त सराहनीय रहा।