Wednesday, 2 October 2019

        गांधी जी की 150 वी जयन्ती मनाई गई, 
           शास्त्री जी को भी किया  गया स्मरण
राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय,कांधला शामली में आज दिनांक 2-10-2019 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती व पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए।
    सर्वप्रथम प्रातः 8 बजे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अतुल शर्मा ने ध्वजारोहण के साथ आयोजन का शुभारंभ किया।राष्ट्रगान के उपरांत महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में सर्वधर्म प्रार्थना सभा का आयोजन हुआ जिसमे महाविद्यालय की छात्राओं ने गीता,कुरान शरीफ,बाइबिल व जैन धर्म से जुड़ी प्रार्थनाओं के अंशों का पाठ किया।
  सर्वधर्म सभा के पश्चात् महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री जी के कर्म व जीवन दर्शन पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ. अतुल शर्मा ने कहा कि महात्मा गांधी ने अपने विचार व दर्शन को  कर्म के जरिये व्यवहारिक रूप से धरातल पर उतारा था,इसलिये यदि हम गांधी जी को याद कर रहे हैं उन्हें मान दे रहे हैं तो उसके लिए जरूरी है कि उनके बताए सिद्धान्तों को अपने जीवन मे उतारें।उन्होंने छात्राओं से स्वच्छता के प्रति लापरवाही बरतने के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि महाविद्यालय परिसर को साफ रखना गंदगी को दूर करना आज महात्मा गांधी के प्रति छात्राओं की सच्ची प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।
       परिचर्चा को संबोधित करते हुए प्रवक्ता समाजशास्त्र डॉ. ब्रजभूषण जी ने कहा कि गांधी जी का दर्शन अपना मौलिक दर्शन नहीं है उन्होंने योगदर्शन के यम आदि तत्वों से परिपूर्ण प्राचीन दर्शन को ही अपने शब्दों में अनुयायियों के मध्य रखा है।परन्तु उनके दो मौलिक एवं सबसे महत्वपूर्ण योगदान है स्वच्छता व स्वदेशी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से गांधी जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को अंग्रेज़ी राज के दोहन औऱ शोषणकारी चंगुल से निकाल कर आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने का प्रयास किया था।
     राजनीति विज्ञान विभाग के प्रवक्ता डॉ. पंकज चौधरी ने कहा कि गांधी जी के योगदान को सिर्फ आजादी की लड़ाई तक सीमित करके नहीं देखना चाहिए।उन्होंने विश्व को एक वैकल्पिक जीवन शैली का रास्ता बताया था।पूंजीवाद के असीमित शोषण व लूट के विकल्प में उन्होंने ट्रस्टीशिप का सिद्धांत दिया था।जो आज पर्यावरण संकट के समय मे बहुत ही प्रासंगिक है।
     हिंदी प्रवक्ता डॉ. रामायन राम ने कहा कि गांधी जी आज के समय में बहुत ही अधिक प्रासंगिक हो गए हैं।उन्होंने दो दो विश्वयुद्ध की विभीषिका झेल रही दुनिया को अहिंसा का सिद्धांत दिया और ताकतवर ब्रिटिश साम्राज्य को भारतीय जनता की सहायता से अहिंसा और असहयोग की ताकत के बल पर परास्त किया।उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अब गांधी जी के रास्ते पर चलने का संकल्प ले रही है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण पृथ्वी के अस्तित्व पर ही संकट आ गया है।उन्होंने बच्चों से गांधी जी की आत्मकथा व उनकी पुस्तक हिन्द स्वराज पढ़ने का भी सुझाव दिया।
    इस परिचर्चा में कुछ छात्राओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये।शालू,.साक्षी सैनी,काजल जैन,ममता व उज्ज्वल ने प्रेरक रोचक कविताएं व देशभक्ति गीत प्रस्तुत किए।कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता संस्कृत डॉ. विनोद कुमार ने किया।संचालन के क्रम में उन्होंने संयोजक का धर्म निभाते हुए कहा कि आज के तथाकथित विद्वान व गांधीवादी लोग गांधीवाद के दर्शन को न समझते हुए   भोगवाद,एवं पाश्चात्य संस्कृति व सभ्यता की ओर भाग रहे हैं जबकि गांधी जी प्राचीन संस्कृति एवं सभ्यता के सच्चे समर्थक थे
   इस अवसर पर  महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की ओर से 'नई तालीम' दिवस का आयोजन भी किया गया जिसमें स्वयंसेवी छात्राओं ने गांधी जी द्वारा शुरू की गई नई तालीम के इतिहास व महत्व के बारे में अपने विचार व्यक्त किए।रासेयो की स्वयंसेवियों  द्वारा सफाई के लिए श्रमदान किया गया जिसका नेतृत्व कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती अंशू ने किया।महाविद्यालय के प्राचार्य समेत समस्त प्राध्यापक एवं उपस्थित छत्राओं  ने स्वच्छता हेतु श्रमदान में हिस्सा लिया।अन्त में  राष्ट्रगीत एवं मिष्टान्न वितरण के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।