Sunday, 17 August 2025

79 वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर बृजभूषण द्वारा ध्वजारोहण

 राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 15 अगस्त 2025 के 79 वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर बृजभूषण द्वारा ध्वजारोहण कर राष्ट्रध्वज को सलामी दी गई व राष्ट्रगान किया गया तत्पश्चात प्राचार्य व समस्त प्राध्यापकों द्वारा झंडा गीत "विजयी विश्व तिरंगा प्यारा" का गायन किया गया । महाविद्यालय के प्राचार्य, समस्त प्राध्यापकगण एवं छात्राओं द्वारा महाविद्यालय के प्रांगण में श्रमदान किया गया। निदेशक उच्च शिक्षा विभाग महोदय के संदेश का वाचन समारोहिका डॉ नयना शर्मा द्वारा किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राष्ट्रभक्ति एकल गीत "हर करम अपना करेंगे, कर चले हम फिदा" आदि गीत का गायन आयशा,मेहविश मुस्कान, रिया एवं तानिया बीए तृतीय वर्ष की छात्राओं द्वारा किया गया एवं "हिंद देश के निवासी सभी जन एक हैं" सभी ने मिलकर गायन किया। "आजादी दिलाने वालों का मानो एहसान" कविता छात्रा मेहविश द्वारा प्रस्तुत की गई। तत्पश्चात महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ पंकज कुमार(राजनीतिक विभाग) ने अपने व्याख्यान में ब्रिटिश काल एवं आज के भारत की नकारात्मक एवं सकारात्मक तुलना करते हुए आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, शिक्षा, संस्कृति एवं कानून व्यवस्था पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। डॉ बृजेश कुमार राठी प्रवक्ता (वनस्पति विज्ञान विभाग) ने अपने वाचन में स्वतंत्रता संग्रामियों को नमन करते हुए आजादी की महत्ता समझाते हुए संक्षिप्त जानकारी छात्राओं को दी। डॉ संजय कुमार प्रवक्ता (जंतु विज्ञान विभाग) ने "लहरा दो लहरा दो" गीत का गायन किया।कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर बृजभूषण जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए अपने उद्बोधन में बताया कि स्वतंत्रता केवल 200 साल का संघर्ष नहीं बल्कि 1000 साल के संघर्ष का परिणाम है उन्होंने फ्रीडम फाइटर एवं फ्रीडम कॉम्प्रोमाइज के विषय में विस्तार से बताया एवं चार बोध जिसमें सामाजिक एवं सांस्कृतिक बोध, इतिहास बोध, राष्ट्र बोध एवं शत्रु बोध की जानकारी छात्रों को दी महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर बृजभूषण जी ने विभाजन विभीषिका विभाजन से प्रभावित लोगों के साहस और दृढ़ता को श्रद्धांजलि देते हुए बताया कि भारत के इतिहास के इस सबसे दुखद अध्याय के दौरान अनगिनत व्यक्तियों द्वारा झेली गई अपार उथल-पुथल और पीड़ा को गंभीरता से याद किया जाता है। कार्यक्रम का संचालन संस्कृतिक परिषद की संयोजिका डॉ नयना शर्मा द्वारा किया गया।