आज दिनांक 27 मार्च 2025 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा चतुर्थ एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन सूरजकुंड मंदिर रायजादगान मोहल्ला मलिन बस्ती में आयोजित हुआ। एक दिवसीय शिविर का प्रारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ बृजभूषण के करकमलों से हुआ। राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत ' उठे समाज के लिए उठें-उठें ,जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे - जगे' से शिविर की शुरुआत हुई। डॉ बृजभूषण ने स्वयंसेविकाओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्य एवं इसके महत्व को रेखांकित किया। इसके उपरांत स्वयंसेविकाओं ने मतदाता जन जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा रैली निकाली, जो सूरजकुंड मंदिर के रायजादगान मोहल्ले से निकलकर हीरालाल शिव मंदिर होते हुए गुजरान मोहल्ला कांधला तक गयी। स्वच्छता अभियान के अंतर्गत स्वयंसेविकाओं ने सूरज कुंड मंदिर के आस पास स्वच्छता अभियान चला कर साफ सफाई की। बोधात्मक सत्र में चौधरी चरण सिंह लघु उद्योगीय प्रशिक्षण केंद्र, पंजोंखरा,शामली द्वारा जन शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत विशेष व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया जिसमें डॉ बृजेश राठी प्राध्यापक वनस्पति विज्ञान ने तपेदिक उन्मूलन विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि 1982 से लगातार 24 मार्च को विश्व क्षय दिवस दुनिया भर में संक्रामक बीमारी टीवी को खत्म करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है।2025 तक टीबी को खत्म करने का भारत का लक्ष्य दुनिया के सबसे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य मिशनों में से एक है जिसके लिए भारत सरकार अनेक प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने सद्भावना कल्चरल क्लब के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार की कई योजनाओं जैसै मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, निःशुल्क बोरिंग योजना, अम्बेडकर विशेष रोज़गार योजना, मुख्यमंत्री सामग्र ग्राम विकास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, गरीब लोगों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान योजना, उत्तर प्रदेश निःशुल्क शिक्षा योजना, उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास योजना आदि के बारे में जानकारी दी। इसके उपरान्त डॉ संजय कुमार प्राध्यापक जंतु विज्ञान ने छात्राओं को बताया कि तपेदिक उन्मूलन में टीबी का अधिक बोझ, दवा प्रतिरोध, देर से निदान, सामाजिक कलंक, कमजोर स्वास्थ्य सुविधाएँ और वित्तीय कमी मुख्य चुनौतियाँ हैं। टीबी-मुक्त भविष्य के अवसरों में भारत सरकार द्वारा नए टीके, छोटे इलाज के तरीके, AI-आधारित निदान, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और वैश्विक सहयोग शामिल है कार्रवाई की अपील में सरकारों, स्वास्थ्य सेवाओं और समुदायों से जल्दी निदान, जागरूकता बढ़ाने, शोध में निवेश और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान किया गया है।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ बृजभूषण ने छात्राओं को अपने संबोधन ने कहा कि खादी एक विचारधारा है जो कि भारत के पुर्नजागरण एवं भारत को पुनः सोने की चिड़िया बनाने में सफलता दिलवा सकती है। छात्राओं को स्वरोजगार में अपने कौशल का उपयोग करते हुए नौकरी देने वाले बनने का प्रयास करना चाहिए। शिविर का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्याम बाबू द्वारा किया गया।