राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में आज दिनांक 16 /12 /2020 को महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में मिशन शक्ति के अंतर्गत 'महिला /बाल तस्करी तथा बाल श्रम' विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ विजेंद्र सिंह(प्राध्यापक रसायनशास्त्र ) ने 'बाल श्रम' एवं डॉ रामायण राम (प्राध्यापक हिन्दी)ने 'महिला एवं बाल तस्करी' विषय पर अपने विचार व्यक्त किए ।सर्वप्रथम डॉ रामायण ने 'महिला एवं बाल तस्करी ' विषय में चर्चा करते हुए बताया कि बच्चों व महिलाओं की तस्करी एक संगठित अपराध है ।महिलाओ एवं बच्चों को कार्य उपलब्ध कराने एवं अन्य बहुत से प्रलोभन देकर फसाया जाता है तथा उन्हें मानव अंगों की तस्करी एवं महिला एवं बाल श्रम में लगा दिया जाता है। संविधान के द्वारा इस विषय में बहुत से कानून एवं अधिकार उपलब्ध है परंतु जागरूकता की कमी के कारण महिला एवं बाल तस्करी में फंसे बच्चों एवं महिलाओं को उनका लाभ नहीं मिल पाता है।डॉ रामायन राम के उपरांत डॉ विजेंद्र सिंह ने बालश्रम के विषय में अपने विचार व्यक्त किए ।उन्होंने बताया कि सन 2002 से प्रतिवर्ष 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है ।14 साल से कम आयु के बच्चों को नियमित रूप से किसी कार्य में लगाना तथा 15 से 18 साल तक के बच्चे को शारीरिक स्वस्थता के चिकित्सकीय प्रमाण पत्र के बिना कार्य में लगाना कानूनी अपराध है। परंतु एक करोड़ से भी अधिक बच्चे बाल श्रमिक हैं । इसका मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि, गरीबी, अशिक्षा एवं व्यापारियों का लालच है ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉक्टर दीप्ति चौधरी (संयोजिका महिला प्रकोष्ठ) ने बताया कि महिला एवं बाल तस्करी तथा बाल श्रम में लिप्त होने के कारण बाल श्रम में लगे हुए बच्चे व महिलाओं को उनकी विकास हेतु उचित वातावरण नहीं मिलता है जिसकी वजह से वह बहुत सारे अपराधों में लिप्त हो जाते हैं। विचार गोष्ठी के अंत में प्राचार्या प्रोफेसर श्रीमती प्रमोद कुमारी जी ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनके अंदर असीम ऊर्जा है और वे अपनी इस युवा उर्जा को अपने आसपास के लोगों को महिला एवं बाल तस्करी तथा बाल श्रम के विषय में जागरूक करने में उपयोग कर सकती हैं। हमारे समाज को जनसंख्या विस्फोट एवं शिक्षा के विषय में जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रतिभा वंशानुगत नहीं होती है इसीलिए हो सकता है कि बाल श्रम में लगा हुआ कोई बच्चा देश के लिए बहुत बड़ी धरोहर बन जाए देश हित में बहुत बड़ा कार्य कर जाए। विचार गोष्ठी के उपरांत हिंदी विभाग में डॉ रामायन राम के द्वारा थीमबेस्ड लिट् फेस्ट के अंतर्गत 'बाल साहित्य' थीम पर आधारित 'द चिल्ड्रन ऑफ हैवन' डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन छात्राओं हेतु किया गया।इस फिल्म के द्वारा शिक्षा के लिए भाई बहन का संघर्ष देखकर छात्राऐं प्रोत्साहित हुई। कार्यक्रम का समापन प्राचार्या द्वारा सभी को 'महिला सम्मान एवं सुरक्षा' हेतु शपथ दिलाकर हुआ।