राजकीय महाविद्यालय में मनायी वसन्त पंचमी, निर्मल गंगा जागरूकता रैली निकाली गई
आज दिनांक 29-1-2020 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में वसन्त पंचमी के पावन पर्व अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या एवं कार्यक्रम की अध्यक्षा प्रो प्रमोद कुमारी ने सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया तथा समस्त शिक्षक एवं छात्राओं ने पुष्पार्पण किया तत्पश्चात् डॉ विनोद कुमार ने वसन्त पंचमी पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वसन्त पंचमी के दिन प्रजापति ब्रह्मा ने विद्या की देवी सरस्वती की सृष्टि की अतः आज के दिन सरस्वती का जन्मदिवस मनाया जाता है।सरस्वती मधुर वाणी ,बुद्धि या विवेक का प्रतीक है जो कि मनुष्यो को अन्य सभी प्राणियों से श्रेष्ठ सिद्ध करती है।इसी अवसर पर निर्मल गंगा जागरूकता अभियान के अंतर्गत गंगा जी से संबन्धित पौराणिक कथाओं के विषय में डॉ विनोद कुमार द्वारा विशेष व्याख्यान दिया गया।उन्होंने बताया कि स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण की अनेक कथाएं पुराणों में प्राप्त होती हैं जिनमें विष्णु के चरणों से ब्रह्मा जी के कमण्डल से शिव की जटाओं में होते हुए भगीरथ एवं उनके पूर्वजों की कठोर तपस्या एवं अथक परिश्रम के फलस्वरूप गंगा का पृथिवी पर सात धाराओं में अवतरण होता है।इनमें से अंतिम धारा गंगोत्री अलकनन्दा हरिद्वार से होते हुए भारतवर्ष की पुण्य धरा को पवित्र करती है।उन्होंने बताया कि गंगा के पौराणिक आख्यान की घटनाएं काल्पनिक हो सकती है लेकिन गंगा की धारा को पृथ्वी तक लाने में ऋषि मुनियों एवं भगीरथ सदृश राजाओं के परिश्रम को तथा गंगा की पवित्रता को नहीं भुलाया जा सकता जिस जल की शुद्धता का कारण आज वैज्ञानिक बैट्रिया फोस नामक वायरस को मान रहे है।महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विस्तृत भूभाग को सिञ्चित कर समृद्ध बनाने के कारण हमारे यहाँ गंगानदी जल का पर्यायवाची है।अतः इसकी स्वच्छता निर्मलता एवं पवित्रता को संरक्षित करना हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य होना चाहिए।उन्होंने गंगा के दैवीभाव एवं पूजनीयता का बखान करते हुए गंगा तेरा पानी अमृत यह सुमधुर गीत भी गंगा की स्तुति में गाया।तत्पश्चात् छात्राओं ने कांधला निवासियों के मध्य स्वच्छ्ता एवं स्वच्छ जल के दुरुपयोग को रोकने हेतु शहर में रैली निकाली।जिसमें छात्राओं ने निर्मल गंगे ,हर हर गंगे ,अविरल गंगे तथा हम सबका अधिकार है गंगा,भारत का श्रृंगार है गङ्गा के जोशीले नारे भी लगाए।कार्यक्रम संचालन डॉ दीप्ति चौधरी ने किया।इस अवसर पर डॉ बृजभूषण,डॉ विशाल कुमार,डॉ विजेन्द्र सिंह ,डॉ बृजेश राठी,डॉ सुनील कुमार,डॉ प्रदीप कुमार,डॉ रामायन राम व श्रीमती सीमा सिंह आदि उपस्थित रहे।
आज दिनांक 29-1-2020 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में वसन्त पंचमी के पावन पर्व अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या एवं कार्यक्रम की अध्यक्षा प्रो प्रमोद कुमारी ने सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया तथा समस्त शिक्षक एवं छात्राओं ने पुष्पार्पण किया तत्पश्चात् डॉ विनोद कुमार ने वसन्त पंचमी पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वसन्त पंचमी के दिन प्रजापति ब्रह्मा ने विद्या की देवी सरस्वती की सृष्टि की अतः आज के दिन सरस्वती का जन्मदिवस मनाया जाता है।सरस्वती मधुर वाणी ,बुद्धि या विवेक का प्रतीक है जो कि मनुष्यो को अन्य सभी प्राणियों से श्रेष्ठ सिद्ध करती है।इसी अवसर पर निर्मल गंगा जागरूकता अभियान के अंतर्गत गंगा जी से संबन्धित पौराणिक कथाओं के विषय में डॉ विनोद कुमार द्वारा विशेष व्याख्यान दिया गया।उन्होंने बताया कि स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण की अनेक कथाएं पुराणों में प्राप्त होती हैं जिनमें विष्णु के चरणों से ब्रह्मा जी के कमण्डल से शिव की जटाओं में होते हुए भगीरथ एवं उनके पूर्वजों की कठोर तपस्या एवं अथक परिश्रम के फलस्वरूप गंगा का पृथिवी पर सात धाराओं में अवतरण होता है।इनमें से अंतिम धारा गंगोत्री अलकनन्दा हरिद्वार से होते हुए भारतवर्ष की पुण्य धरा को पवित्र करती है।उन्होंने बताया कि गंगा के पौराणिक आख्यान की घटनाएं काल्पनिक हो सकती है लेकिन गंगा की धारा को पृथ्वी तक लाने में ऋषि मुनियों एवं भगीरथ सदृश राजाओं के परिश्रम को तथा गंगा की पवित्रता को नहीं भुलाया जा सकता जिस जल की शुद्धता का कारण आज वैज्ञानिक बैट्रिया फोस नामक वायरस को मान रहे है।महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो श्रीमती प्रमोद कुमारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विस्तृत भूभाग को सिञ्चित कर समृद्ध बनाने के कारण हमारे यहाँ गंगानदी जल का पर्यायवाची है।अतः इसकी स्वच्छता निर्मलता एवं पवित्रता को संरक्षित करना हमारा प्राथमिक कर्त्तव्य होना चाहिए।उन्होंने गंगा के दैवीभाव एवं पूजनीयता का बखान करते हुए गंगा तेरा पानी अमृत यह सुमधुर गीत भी गंगा की स्तुति में गाया।तत्पश्चात् छात्राओं ने कांधला निवासियों के मध्य स्वच्छ्ता एवं स्वच्छ जल के दुरुपयोग को रोकने हेतु शहर में रैली निकाली।जिसमें छात्राओं ने निर्मल गंगे ,हर हर गंगे ,अविरल गंगे तथा हम सबका अधिकार है गंगा,भारत का श्रृंगार है गङ्गा के जोशीले नारे भी लगाए।कार्यक्रम संचालन डॉ दीप्ति चौधरी ने किया।इस अवसर पर डॉ बृजभूषण,डॉ विशाल कुमार,डॉ विजेन्द्र सिंह ,डॉ बृजेश राठी,डॉ सुनील कुमार,डॉ प्रदीप कुमार,डॉ रामायन राम व श्रीमती सीमा सिंह आदि उपस्थित रहे।