महाविद्यालय में उदा देवी शहीदी दिवस मनाया
आज दिनांक 16/11/2019 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला में 'उदा देवी शहीदी दिवस' मनाया गया।कार्यक्रम के आरम्भ में छात्राओं एवं शिक्षकों ने उदा देवी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्पण किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने की।इस अवसर पर डॉ विजेन्द्र सिंह जी ने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।उन्होंने ऊदा देवी पासी का जीवन परिचय कराते हुए कहा कि उदा देवी एक ऐसी वीरांगना थी जो अपने पति मक्का पाशी से प्रेरित होकर फौज में भर्ती हुयीं और 1857 की क्रान्ति को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों के साथ वीरता व साहसपूर्वक लड़ी।अंग्रेज कमांडर सार्जेंट केल्विन काम्बेल ने उनकी वीरता देखकर उन्हें black tigress कहा था।वे अकेली कारतूस के साथ एक पेड़ पर चढ़कर 36 अंग्रेज सैनिकों को अपनी गोलियों से मौत की नींद सुला कर 16 नवम्बर 1857 को वीरगति को प्राप्त हो गयी।कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वीरांगना उदा देवी सभी छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं उनका कम उम्र में विवाह हो गया था ।अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना करते हुए अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।राष्ट्रगीत वन्दे मातारम् के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।मंच संचालन डॉ विनोद कुमार द्वारा किया गया ।इस अवसर पर डॉ बृजभूषण,डॉ विजेंद्र सिंह,डॉ विशाल कुमार,डॉ बृजेश राठी,डॉ पंकज चौधरी,डॉ सुनील कुमार,डॉ दीप्ति चौधरी,हुमेरा आदि उपस्थित रहे।
आज दिनांक 16/11/2019 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला में 'उदा देवी शहीदी दिवस' मनाया गया।कार्यक्रम के आरम्भ में छात्राओं एवं शिक्षकों ने उदा देवी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्पण किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने की।इस अवसर पर डॉ विजेन्द्र सिंह जी ने विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया।उन्होंने ऊदा देवी पासी का जीवन परिचय कराते हुए कहा कि उदा देवी एक ऐसी वीरांगना थी जो अपने पति मक्का पाशी से प्रेरित होकर फौज में भर्ती हुयीं और 1857 की क्रान्ति को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजों के साथ वीरता व साहसपूर्वक लड़ी।अंग्रेज कमांडर सार्जेंट केल्विन काम्बेल ने उनकी वीरता देखकर उन्हें black tigress कहा था।वे अकेली कारतूस के साथ एक पेड़ पर चढ़कर 36 अंग्रेज सैनिकों को अपनी गोलियों से मौत की नींद सुला कर 16 नवम्बर 1857 को वीरगति को प्राप्त हो गयी।कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि वीरांगना उदा देवी सभी छात्राओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं उनका कम उम्र में विवाह हो गया था ।अनेक सामाजिक समस्याओं का सामना करते हुए अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति एवं कर्तव्यनिष्ठा के कारण उन्होंने इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया।राष्ट्रगीत वन्दे मातारम् के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।मंच संचालन डॉ विनोद कुमार द्वारा किया गया ।इस अवसर पर डॉ बृजभूषण,डॉ विजेंद्र सिंह,डॉ विशाल कुमार,डॉ बृजेश राठी,डॉ पंकज चौधरी,डॉ सुनील कुमार,डॉ दीप्ति चौधरी,हुमेरा आदि उपस्थित रहे।