Friday, 25 January 2019

आज दिनांक 12-1-2019  को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला में स्वामी विवेकानंद सरस्वती के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में ' 'अंतर्नाद' युवा महोत्सव का शुभारम्भ हुआ।प्रातःकाल साढ़े 10 बजे सर्वप्रथम छात्राओं ने डॉ विनोद कुमार के निर्देशन में महाविद्यालय प्रांगण में योग एवं ध्यान कर अपनी युवावस्था का परिचय देते हुए सभी को शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य प्राप्ति का संदेश दिया।तत्पश्चात् सेमीनार हॉल में छात्राओं के बौद्धिक कार्यक्रम एवं प्राध्यापकों के उद्बोधन हुए।कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अतुल शर्मा ने की।सर्वप्रथम समस्त प्राध्यापकों ने स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया।तत्पश्चात डॉ ब्रिजेश राठी ने छात्रओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी विवेकानंद सरस्वती की शिकागो धर्म सभा मे दिए  गए वक्तव्य के बाद विदेशी समाचार पत्रो एवं तत्कालीन महापुरुषों के द्वारा दी गयीं  प्रतिक्रियाओं से अवगत कराया।डॉ पंकज चौधरी ने इस अवसर पर एक युवा के रूप में छात्राओं को अपनी अपनी भूमिका सुनिश्चित कर शिक्षा द्वारा स्वालंबन प्राप्त करते हुए अपने एवं परिवार के समाज तथा राष्ट्र के लिए उपयोगी बनने की प्रेरणा प्रदान की।डॉ बृजभूषण जी ने स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो धर्म संसद में दिए गए  भाषण का तत्व समझाया और कहा कि उन्होंने सारे विश्व के धर्मगुरुओं के समक्ष हिंदुत्व के दर्शन को प्रस्तुत किया तथा  पश्चिम के लोगों को निर्भयतापूर्वक कहा कि भारत को  गिरिजाघर या धर्म देने  की आवश्यकता नहीं ,देना है तो निर्धनों को कपड़े रोटी मकान एवं शिक्षा दो।धर्म एवं दर्शन का तो हमारे यहाँ उच्चतम स्तर है।इस अवसर पर छात्राओं की एक भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ जिसमें संध्या चौहान प्रथम,शिवानी राठी द्वितीय व इकरा तृतीय स्थान पर रही।अन्त में प्राचार्य महोदय ने अपना अध्यक्षीय वक्तव्य देते हुए कहा कि अनेक महापुरुषों की जन्मभूमि भारत होने पर भी स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मदिवस को युवा दिवस मनाने का सबसे बड़ा कारण उनकी युवावस्था के साथ साथ उनके उनके पीछे चलने वाली युवाओं की भीड़ उनका स्वयं का सन्यासी समाजसुधारक,दार्शनिक एवं विदेशी भूमि पर भारतीय दर्शन संस्कृति एवं सभ्यता का प्रसार करने वाला होना भी था।इस उत्साहजनक अवसर पर प्राचार्य महोदय ने 'ऋतम्भरा' नामक महाविद्यालय की ई पत्रिका का लोकार्पण भी छात्राओं के मध्य किया।कार्यक्रम का रोचक सञ्चालन करते हुए डॉ विनोद कुमार ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी प्रेरणास्पद घटनाओं से छात्राओं को अवगत कराया तथा अंतर्नाद शब्द के मर्म को समझाते हुए कहा कि महाविद्यालय की प्रत्येक छात्रा के मस्तिष्क के अन्दर लेखन, नर्तन,वादन, गायन,चित्रांकन खेल आदि तरह तरह के नाद चलते रहते हैं इन अन्तरनादों की अभिव्यक्ति हेतु मंच प्रदान करने का काम यह अंतर्नाद युवा महोत्सव करेगा जो कि 19-1-2019 तक मनाया जाएगा।इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।राष्ट्रगीत वन्दे मातरम्  के साथ आज का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

(कार्यक्रम की कुछ चित्रमय झलकियाँ)