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Wednesday, 26 February 2025

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस की शुरुआत

 आज दिनाँक 19.02.2025 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सात दिवसीय विशेष शिविर के द्वितीय दिवस की शुरुआत प्रार्थना, लक्ष्यगीत एवं शिविर स्थल की साफ-सफाई से हुई। शिविर के प्रथम सत्र में स्वयंसेविकाओं ने मतदाता जागरूकता, सड़क सुरक्षा,स्वच्छता, पर्यावरण व जल संरक्षण, एवं वृद्धों का सम्मान जन जागरूकता रैली निकाली। रैली का नेतृत्व राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्याम बाबू एवं डॉ अंकिता त्यागी द्वारा किया गया। रैली शिविर स्थल से निकलकर रायजादगान मोहल्ले से निकलते हुए सूरज कुंड मंदिर तक गयी फिर वहाँ से शिविर स्थल पर आकर समाप्त हुई। स्वयंसेविकाओं ने विभिन्न नारों जैसे- आपका भविष्य आपके हाथ हेलमेट रखें हमेशा साथ, चुनाव नहीं मतदान करें नए भारत का निर्माण करें, स्वच्छता ही सेवा है गंदगी जानलेवा है, प्रदूषण मिटाओ पर्यावरण बचाओ, बापू ने दिया था संदेश स्वच्छ रखो भारत देश, वृद्धों का सम्मान हमारी संस्कृति की पहचान एवं जल संरक्षण जीवन रक्षा की कुंजी है के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। शिविर के द्वितीय बौद्धिक सत्र में डॉ पंकज चौधरी द्वारा " वृद्धों का सम्मान आज की आवश्यकता " विषय पर एक व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था  में शारीरिक रूप से कमजोर एवं आर्थिक विपन्नता के कारण आज की युवा पीढ़ी की नजर में उनका महत्व कम हो गया है। जिसके कारण वे समाज में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। आज युवाओं का कर्तव्य है कि घर के बुजुर्गों से उनके सांसारिक जीवन अनुभव एवं ज्ञान का लाभ उठा कर जीवन व समाज को खुशहाल बनाएं। घर के छोटे छोटे बच्चों के लिए बुजुर्गों का जीवन मित्रवत होता है इसलिए वह बच्चों में नैतिक एवं मानवीय मूल्यों के विकास में सहायक होते हैं।उन्होंने आगे कहा कि हमें स्वार्थ के नजरिए से भी देखे तो हम जैसा बुजुर्गों के साथ व्यवहार करेंगे वैसा ही आने वाली पीढ़ी हमारे साथ व्यवहार करेगी। संयुक्त परिवार का न होना आज के पति पत्नी के बीच तनाव का बहुत बड़ा कारण है और वृद्ध जन उस संयुक्त परिवार के वटवृक्ष हैं। जो सबको साथ लेकर चलते हैं।परिवार एक पाठशाला होती है जिसमें बुजुर्ग एक शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। अतः हमें वृद्धों का अवश्य सम्मान करना चाहिए। शिविर के द्वितीय दिवस का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।