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Wednesday, 5 February 2025

राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा तृतीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन

 आज दिनांक 04 फरवरी 2025 को राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय कांधला शामली में प्राचार्य प्रोफेसर प्रमोद कुमारी के कुशल मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा तृतीय एक  दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का आयोजन रायजादगान मोहल्ला के  मलिन बस्ती स्थित सूरज कुंड मंदिर परिसर में हुआ। तृतीय एक दिवसीय शिविर का प्रारम्भ राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत ' उठे समाज के लिए उठें-उठें ,जगे स्वराष्ट्र के लिए जगे - जगे' हुआ। शिविर के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्याम बाबू ने स्वयंसेविकाओं को आगामी सात दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम की रूपरेखा बताई।उन्होंने शिविर के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि एन एस एस छात्राओं में सामूहिक रूप से सेवा करने का भाव पैदा करता है। समाज की तमाम विसंगतियों को नजदीक से जा कर देखने- समझने के साथ साथ उन्हें दूर करने का अवसर भी प्रदान करता है। बस्तियों में जा के उनकी समस्याओं को प्राथमिकता में लेकर लोगों को जागरूक करना उनकी सेवा करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। इसके उपरांत स्वयंसेविकाओं ने स्वच्छता जन जागरूकता रैली निकाली। जो रायजादगान मोहल्ले के सूरज कुंड मंदिर से निकलकर हीरालाल शिव मंदिर होते हुए गुजरान मोहल्ला कांधला तक गयी। रैली में वनस्पति विज्ञान के प्रभारी डॉ ब्रिजेश कुमार राठी का सहयोग रहा। स्वयमसेविकाओं ने स्वच्छता को लेकर कई नारों के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। इसके उपरांत स्वयंसेविकाओं ने सूरज कुंड मंदिर के आस पास स्वच्छता अभियान चला कर साफ सफाई किया एवं मंदिर परिसर स्थित पौधों को पानी दिया। शिविर के द्वितीय बोधात्मक में  उत्तर प्रदेश शासन एवं भारत सरकार द्वारा निर्धारित विषय वस्तु 'कौशल विकास हेतु युवा' को ध्यान में रखते हुए गृह विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ  सीमा सिंह ने "कौशल विकास में एन एस एस स्वयंसेविकाओं की भूमिका" विषय पर एक व्याख्यान दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि एन एस एस को मन एवं तन दोनों से करो, केवल प्रमाण पत्र के लिए नहीं। स्वयंसेविकाएँ किसी बस्ती में जाकर गरीब महिलाओं एवं बूढ़े लोगों को कुछ नया सिखा कर रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हो जैसे किसी स्त्री को अचार बनाना, कढ़ाई बुनाई करना, पाक कला में निपुण। करना तमाम छोटे मोटे कार्यों में रुचि के अनुसार कौशल प्रदान करके आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। छोटे छोटे बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करके उन्हें हाशिये से लाकर मुख्य धारा में जोड़ा जा सकता है। महिलओं को जो घर के हर सदस्य से पूरी तरह जुड़ी होती हैं उन्हें विशेष ध्यान देकर उनके जीवन स्तर को सुधारा जा सकता है और यह स्वयंसेविकाएं दृढ़ इच्छाशक्ति से कर सकती हैं। महिलाओं स्वयं और पूरे परिवार को किस तरह से पौष्टिक आहार प्रदान करके सबको स्वस्थ रख सकती हैं इसके बारे में उन्होंने विस्तार से बताया।शिविर का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। तृतीय एक दिवसीय शिविर का आयोजन एवं संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्याम बाबू द्वारा किया गया।